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मेरा एक दुश्मन मर गया है
लगातार मेरी तरफ तनी रहती है उसकी बंदूक।
पहले मेरे सौ दुश्मन थे
अब रह गये हैं निन्यानवे।
मर गया है दुश्मन! दूसरों से कम नहीं था दुष्ट वह।
मेरी अपनी भी हालत अब कुछ ठीक नहीं।
मुझे दिल से अफसोस है उसका
वैसे भी सौ अच्छी संख्या है निन्यानवे से।
कितने साल हम एक साथ रहे!
अब वह अकेला चल दिया रात की ओर।
वहाँ उसका मन मेरे बिना नहीं लगेगा।
मेरे दिल का भी जैसे बंद हो गया है द्वार। |
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